Thursday, 20 August 2020

वर्षा एक घोड़े का मूत्र है।

वर्षा एक घोड़े का मूत्र है।

उसका शरीर हिलाना मेघका गर्जन है. वह जो मुत्र त्याग करता है वही वर्षा है 
(बृहदारण्यकोपनिषद,नशंकर-भाष्य, गीताप्रेस पृष्ठ 40) 

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