Saturday, 22 August 2020

रामसेतु।

रामसेतु शब्द किसी भी पाठ में नहीं मिला है। वाल्मीकि रामायण में वर्णित पुल का नाम रामसेतु नहीं बल्कि नलसेतु है क्योंकि इसे राम के कहने पर नल और अन्य बंदरों ने बनाया था।

संगम च समुद्रास्य नालस्योश्च बंधनाम्
अर्थात्: राम वहाँ पहुँचते हैं, समुद्र के संगम को देखते हैं और एक पुल का निर्माण करते हैं। (वाल्मीकि रामायण: १/३/३४)

ध्योजनवृष्टिविद्या शतयोजनमायतम् ददतुश्चर्ददेवराधर्वाः नलसेतुं सुदुष्करम्।
वानरो ने पहले दिन 14 योजन, दूसरे दिन 20 योजन, तीसरे दिन 21 योजन, चौथे दिन 22 योजन, पांचवें दिन 23 योजन का निर्माण किया।

इस नल द्वारा निर्मित नलसेतु देवता और गंधर्व हैं।
(वाल्मीकि रामायण: 6/22/76)

इसके निर्माण में 5 दिन लगे थे। 1 योजन का मतलब 8-9 मील है। रामायण में वर्णित पुल 1288 किमी लंबा और 128 किमी चौड़ा है। अब पुल की वास्तविक लंबाई केवल 30 किमी लंबी और 10 फीट चौड़ी है।
 
रामायण में 30 किमी और 1288 किमी लंबे पुल का अंतर जमीन आसमान का है। पुल कंहा गायब हो गया है। अगर डूब गया तो पानी के नीचे पत्थर होने चाहिए थे।

पानी पर तैरते पत्थरों का राज क्या है। उज्जैन साइंस कॉलेज के पूर्व विभाग प्रमुख डॉ। आरएन तिवारी के अनुसार, ज्वालामुखी के बाद लावा जमने के बाद ऐसी चट्टानें बनती हैं, जो कम घनत्व के कारण पानी पर तैर सकती हैं।
 इन पत्थरों को प्यूमिस स्टोन कहा जाता है।

'नासा' ने अपने शोध में भारत और श्री लंका के बीच में एक पुल जैसी संरचना की बात की थी. लेकिन ये भी स्पस्ट कर दिया था, की ये मानव निर्मित नहीं बल्कि प्राकृतिक है. वास्तव में ये संरचना ' कोरल रीफ ' से बनी हुई है. कोरल रीफ समुद्र में रहने वाले जीवे है.इनके उपर कैल्शियम कार्बोनेट के मोटी परत चड़ी रहती है जिससे इनकी संरचना टेड़ी मेडी बिलकुल पत्थरनुमा हो जातीहै. सामान्यता ये जीव संसार में 10 से 20 डिग्री नार्थ और 20 डिग्री साउथ में पाए जाते हैं. ये अपनी. कॉलोनी उथले समुद्र में बनाते है. भारत और श्री लंका के बीच समुद्र की गहराई कम होने के कारन ये स्थान कोरल के लिए अनुकूल है. कोरल रीफ ने यहाँ पर अपनी कॉलोनी बनायीं है जिससे कठोरे चट्टानें बन गयी हैं जिन्हें सेतु समुद्रम परियोजना में तोडा जाना था किन्तु मूर्ख राम भक्तो के कारन ये नहीं हो पा रहा है. यदि कोरल रीफ की पत्थर नुमा संरचना को पानी में डाला जाता है तो वो तरते हुए पत्थर की तरह ही दीखता है.समुद्र के पास जीवित कोरल भी देखे जा सकते हैं . इन्ही के ऊपर राम का नाम लिख कर लोगो को बेवकूफ बनाया जाता है . वास्तव में जिस रामसेतु की बात राम भक्त करते रहे हैं .वो संरचना कोरल रीफ से हजारों साल में बनी है. और पुरे वर्ल्ड में ये संरचनाये देखि जा सकती है . इसका सबसे बड़ा उदाहरण ऑस्ट्रेलिया की 'ग्रेट बेरियर रीफ' है. जो हजारों किलोमीटर लम्बी धनुषाकार रचना है. ये वर्ल्ड की सबसे बड़ी कोरल रीफ की संरचना है. उथले समुद्र में होने के कारन इन सभी संरचना को उपग्रह से देखा जा सकता है.


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