वैदिक आर्य सवर्ण किस तरह से अपनी ही मा बहन बेटी और अन्य रिश्तेदार स्त्रीयों के साथ संभोग करते थे इसका प्रमाण दो संस्कृत पंडित ब्राह्मण खुद दे रहे है.
भारतीय विवाह संस्था का इतिहास (वि.का. राजवाडे)
चार्वाक दर्शन (सुरेंद्र कुमार शर्मा 'अज्ञात')
तेरे मुत्र द्वार को में खोल देता हूं जैसे झिल का पानी बन्ध को खोल देता है । तेरे मूत्र मार्ग को खोल दिया गया है जैसे जल से भरे समुद्र का मार...
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