सीता की खोज के लिए लंका पहुंचने पर हनुमान सीता को कैसे पहचानते हैं।
देवी सिता का का मुख पुर्ण चंद्रमा के समान मनोहर था.उनकी भौहें बडी सुंदर थी. दोनो स्तन मनोहर और गोलाकार थे.
(वाल्मिकी रामायण,सुंदर कांड 15/28)
तेरे मुत्र द्वार को में खोल देता हूं जैसे झिल का पानी बन्ध को खोल देता है । तेरे मूत्र मार्ग को खोल दिया गया है जैसे जल से भरे समुद्र का मार...
No comments:
Post a Comment