महाभारत में महिलाओं का क्रय -विक्रय और शुल्क के बदले प्रयोग।
विश्वामित्र ऋषि ने अपने शिष्य गालव से 800 सफेद घोड़ों को लाने के लिए कहा। गालव मदद के लिए ययाति राजा के पास जाता है और 800 घोड़ों की माँग करता है। ययाति पहले की तरह अमीर नहीं हैं। वह माधवी गालव को अपनी बेटी देता है ताकि गैलाव उसे बेचकर शुल्क पा लें।
गालव माधवी के साथ हर्यवश राजा के पास जाता है । हर्यवश राजा ने उससे एक बार संतान करने के लिए 200 घोड़े देता है। बाद में माधवी को लेकर गालव, दिवोदास राजा के पास जाता है। दिवोदास राजा भी उससे एक बार संतान करने के लिए 200 घोड़े देता है। फिर उशीनर राजा भी एक बार के लिए 200 घोड़े देते हैं। कुल 600 घोड़ों और माधवी के साथ, गालव, विश्वामित्र के पास पहुँचता है और कहता है की इसके साथ एक बेटा पैदा करें। विश्वामित्र कहता है कि आप उन्हें पहले ही क्यों नहीं लाए, मैं उसके साथ 4 बच्चे पैदा करता। बाद में विश्वमित्र ने शेष 200 घोड़ों के बदले माधवी के साथ संभोग किया। उसी से माधवी को अष्टक नामक पुत्र हुआ।
(महाभारत, उद्योग पर्व, अध्याय 106 से 119 देखें)
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