महाभारत आदिपर्व में क्षत्रियों को ब्राह्मणों के पुत्र कहा गया है। परशुराम ने इक्कीस बार क्षत्रियों का वध किया लेकिन उत्तर महाभारत में क्षत्रियों की उत्पत्ति कैसे हुई इसका उत्तर है। आदिपर्व 64 में है की।
इक्कीस बार पृथ्वी को क्षत्रिय से वंचित करने के बाद, परशुराम ने महेंद्र पर्वत पर तपस्या की। (श्लोक 4)
क्षत्रिय महिलाओं ने संतानों के लिए ब्राह्मणों की शरण लेती हैं (श्लोक 5)
उन हजारों क्षत्रिय महिलाओं ने ब्राह्मणों से गर्भ धारण किया और फिर से क्षत्रिय वंश की वृद्धि के लिए शक्तिशाली क्षत्रियों को जन्म दिया। इस प्रकार क्षत्रिय वंश का जन्म तपस्वी ब्राह्मणों द्वारा क्षत्रिय स्त्रियों के गर्भ से हुआ (श्लोक 7,8)
(महाभारत, आदिपर्व 64 देखें)
◆◆◆
अक्सर लोग क्षत्रियों से प्रश्न करते हैं कि जब परशुराम ने 21 बार पृथ्वी को क्षत्रिय रहित किया था तो तुम कहां से आ गए ।
क्षत्रियों को इसका जवाब देना किसी चुनौती से कम नहीं है l
परशुराम ने 21 बार पृथ्वी को क्षत्रिय रहित किया था ये तो हम जानते हि है लेकिन फिर से क्षत्रिय कैसे पैदा हो गये इसका जवाब हमे महाभारत मे मिलता है.
आदिपर्व 64 मे है कि
परशुरामने 21 बार पृथ्वी को क्षत्रिय रहित करने के बाद महेंद्र पर्वत पर तपस्या कि (श्लोक 4)
क्षत्रिय स्त्रीयोने पुत्र प्राप्ती के लिए ब्राह्मणो की शरण ली (श्लोक 5)
उन सहस्त्रो क्षत्राणियोंने ब्राह्मणो से गर्भ धारण किया और क्षत्रियकुमारो को जन्म दिया.
इस प्रकार ब्राह्मणो द्वारा क्षत्राणियों के गर्भ से धर्मपुर्वक क्षत्रिय संतानोकि उत्पत्ती और वृद्धी हुई(श्लोक 7,8)
महाभारत आदिपर्व 64,गिताप्रेस गोरखपूर से साफ साफ पता चल जाता है की आधुनिक जितने भी क्षत्रिय हैं सब ब्राह्मणों की नाजायज औलादे हैं l
बेटा रंड पूतो और क्षत्रियों दूसरों को नाजायज औलाद बताने से पहले महाभारत के आदि पर्व श्लोक नंबर 7 और 8 देख लेना ।
No comments:
Post a Comment